किसानों को कम पानी वाली धान की किस्में से अधिक पैदावार, जाने कृषि विशेषज्ञों की राय

किसानों को कम पानी वाली धान की किस्में धान की खेती में मिलेगा अधिक पैदावार, जानें कृषि विशेषज्ञों की राय क्या है

कम पानी वाली धान की किस्में

Dhan Ki kheti: हमारे देश के ज्यादातर हिस्सों में धान का खेती किया जाता है। और धान की खेती में सबसे ज्यादा आवश्यकता रहती है पानी की। और हमारे देश के बहुत से ऐसे क्षेत्र जहां पर पानी लगातार गिरता जा रहा है। जो कि जल के खतरे की संभावना को दर्शाता है। ऐसे में किसानों को धान की फसल लेना चाहते हैं तो उसके लिए कम पानी में अधिक पैदावार देने वाली किस्म का चुनाव करना चाहिए।

ताकि उन्हें पानी की आवश्यकता कम रहेगी और उत्पादन भी अच्छा मिले। वहीं सरकार की ओर से भी लगातार सरकार पानी के गिरते हुए स्तर को सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक किलो ग्राम धान को पैदा करने में करीब 2500 से 3000 लीटर पानी की आवश्यकता रहती है। ऐसे में किसानों को कम पानी में अधिक पैदावार देने वाली किस्म कौन-कौन सी है। उसके बारे में जानकारी लेने के लिए आप हमारे साथ Saral News पर अंत तक जुड़े रहे।

इन सब चीजों को देखते हुए किसानों के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की द्वारा चावल की खेती के लिए कम और मध्यम अवधि के लिए कुछ किस्मों को लगाने के लिए किसानों को जानकारी दी गई है। बता दें कि विशेषज्ञों की ओर से किसानों को पीआर 126 ओर पीआर 131 उन्नत किस्म जो कि कम समय में अधिक पैदावार को पानी की जरुरत भी कम पड़ती है।

धान की किस्म पीआर 126 की खासियत

PR 126: किसानों को धान की खेती के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की और से धान की किस्म पीआर 126 को तैयार किया गया। जोकि यह किस्म कम पानी में अधिक उत्पादन देने वाली और पकने में समय भी कम लेता है। इस वैरायटी में पकने के समय की बात करें तो यह किस्म 123 दिन से लेकर 125 दिन में तैयार हो जाएगा। इसकी ऊंचाई की बात करें तो 102 सेंटीमीटर पौधों रहती है। धान की इस किस्म में प्रति एकड़ जमीन में उत्पादन की बात करें तो 31 क्विंटल तक उत्पादन और इस किस्म में बैक्टीरियल ब्लाइट रोगजनकों अधिक है जो कि 7 तरह के रोग ब्लास्ट को रोकता है।

धान की किस्म पीआर 131 की खासियत

PR 131: पीआर 131 धान में पौधे की अधिकतम ऊंचाई 110 cm रहता है। इस को वैरायटी तैयार होने में लगभग 110 दिन का समय लगता है। धान की इसकी सामने लगने वाले वैक्टीरियल ब्लाइट रोगजनक जो कि सभी प्रकार के 10 रोगों से छुटकारा मिलेगा। धान की खेती के लिए इसमें प्रति एकड़ उत्पादन की क्षमता करीब 31 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होगा।

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नोट: – दोस्तों आपने आज कम पानी वाली धान की किस्में से अधिक उत्पादन प्राप्त होगा। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी कृषि विभाग से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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