गेहूं का उत्पादन कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण जानें, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान

किसानों की गेहूं का उत्पादन कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण जानना चाहिए, Heat Stress To Wheat नहीं तो होगा बड़ा नुकसान

 

Heat Stress To Wheat: किसानों को किसी भी तरह की फसल हो उसमें समय समय पर सभी आवश्यक तत्वों व देखभाल की जरूरत होती है नहीं तो उत्पादन कमजोर होने की संभावना रहती है बता दें कि उत्पादन कम होने के एक नहीं अनेकों कारण है फसल में सबसे मुख्य कारण खाद बीज के बाद बारिश और मौसम कैसा है और सही समय पर बजाई करना भी एक मुख्य कारण में से एक है।

 

 

गेहूं की फसल में महत्त्वपूर्ण भूमिका। Heat Stress To Wheat

 

 

प्राकृतिक रूप से मौसम में हो रहे बदलाव के चलते वैज्ञानिकों के द्वारा भी किसानों के लिए अनेक प्रकार की नई नई किस्म का तैयार किया जा रहा है ताकि किसानों को हर मौसम में कम खर्चे में अधिक उत्पादन प्राप्त हो। इन सब के बावजूद भी मौसम में आए बदलाव के चलते किसानों को फसलों में काफी नुकसान देखने को मिलता है।

 

हालांकि एक प्राकृतिक समस्या है इसका कोई हल भी नहीं है लेकिन इसके अलावा किसानों को अपनी फसल की बुवाई करते समय उचित बीच का चुनाव करना बहत जरूरी है क्योंकि फसल में सही बी का चुनाव से काफी हद तक पैदावार अच्छी होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

 

 

वैसे तो किसानों के द्वारा अपनी फसल में समय-समय पर सभी तरह की खाद बीज पानी की आवश्यकता को पूर्ति किया जाता है फिर भी गेहूं की फसल में किन कर्म के चलते उत्पादन कम होता है आज आपको हम इस रिपोर्ट के द्वारा बताएंगे और आप अंत तक हमारे साथ जुड़े रहें।।

 

 

 

 

 

 

गेहूं का उत्पादन कम होने की मुख्य भूमिका 

 

 

किसानों के द्वारा गेहूं की फसल समय पर बुवाई होने के बाद सही खाद और बी का भी चुनाव किया जाता है और समय-समय पर पानी भी दिया जाता है लेकिन फिर भी किसानों को उत्पादन में कमजोरी देखने को मिलती है बता दें कि बीते वर्ष भी एकदम से आए मौसम में गर्म हवा के चलते गेहूं के दाने कमजोर होने के चलते उत्पादन काफी गिर चुका था।

 

 

 

Heat Stress To Wheat: गेहूं की फसल में मौसम का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है बता दें कि गेहूं की फसल में ठंड की आवश्यकता ज्यादा रहती है वही जब पौधों में फूल आना आरंभ होता है तब अगर अचानक से मौसम में गर्म हवाई चलने लगे तो पैदावार में काफी अधिक नुकसान होता है ऐसे में गेहूं की पैदावार में 30 से लेकर 40 किलो प्रतिशत तक भी नुकसान हो सकता है। बीते वर्ष किसानों के द्वारा अपने गेहूं की कटाई का कार्य 15 अप्रैल तक पूरा किया जा चुका था लेकिन आमतौर पर यह इस दिनांक से आरंभ होता है।

 

गेहूं को गर्मी के तनाव से बचाने के मुख्य उपाय । 

 

 

किसान भाइयों वैसे तो मैं मौसम में आए अचानक गर्मी से फसल को बचाना संभव है लेकिन फिर भी कुछ उपाय को अपनाकर अपनी पैदावार में कुछ हद तक लाभ भी ले सकते हैं। ऐसे में अगर किसान भाई समय पर सही से पानी से सिंचाई करें तो काफी हद तक राहत मिलती है वहीं इसके अलावा किसान अपनी फसल में कुछ दावों का छिड़काव कर कर भी इस नुकसान से बचा जा सकता है।

 

 

 

 

किसान भाइयों गेहूं की फसल में अचानक आई गर्मी से राहत प्राप्त करने के लिए प्रति एकड़ स्टैन्स ग्रीन मिरेकल स्ट्रेस अलवीटोर की 500ml या फिर इसके अलावा गैनेक्सा (यूपीएल) ऑर्थो सैलिसिलिक एसिड 0.6% की 500ml का उपयोग फसल पर छिड़काव करना चाहिए।

इसे भी पढ़ें 👉किसानों के लिए वैज्ञानिक ने तैयार की नई किस्म, कम पानी और रेतीली मिट्टी में मिलेगा बंपर उत्पादन

 

 

Leave a Comment