फरवरी महीने में बढ़ते तापमान में करें ये उपाय, गेहूं की पैदावार बढ़ाने में मददगार

किसानों के द्वारा हरियाणा बिहार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश में अबकी बार गेहूं की बुवाई अच्छी खासी हुई है। बता दें कि बीते साल के मुकाबले में इस बार रबी सीजन में गेहूं का रकबा में वृद्धि देखने को मिला है। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस बार 12 जनवरी 2024 कुल रकबा गेहूं 336.96 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई जो बीत सेल इस समय में गेहूं का रकबा 335.67 लाख हेक्टेयर भूमि पर किया गया था।

गेहूं की पैदावार

बढ़े हुए रकबा के चलते इस साल सरकार ने गेहूं की पैदावार 114 मिलियन टन का लक्ष्य निर्धारित किया है। गेहूं की फसल में अभी तक सर्दी का मौसम सही चल रहा है। जिसके चलते गेहूं की फसल में ग्रोथ अच्छी तरह हो रही है। फरवरी महीने का शुरू में मौसम में बदलाव देखने से गर्मी पड़ना आरंभ हो चुका है। तापमान में आई तेजी से किसानों को अपनी फसल में किन किन तरीकों से फसल को बचाया जाए। यह सभी इस आर्टिकल में जानेंगे।

जैसे ही फरवरी का महीना आरंभ होता है तापमान में 1 से से लेकर 3 डिग्री सेल्सियस तक की तापमान में वृद्धि देखने को मिलती है। वही इस महीने में बारिश ना हो तो तापमान में और ज्यादा बढ़ाने की संभावना है भी रहती है जिसका असर सीधा गेहूं की फसल में देखने को मिलता है और उत्पादन गिरने की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में किसानों का अपने निमित्त रूप से देखभाल करना चाहिए और विशेषज्ञों की माने तो गर्मी के ज्यादा बढ़ने से गेहूं के फसल में किसानों का समय पर हल्की सिंचाई करनी चाहिए। अगर दिन के समय हवा तेज हो तो सिंचाई को शाम के समय करना सही रहा जाता है।

फसल में कीट और रोग की रोकथाम

गेहूं की फसल में जैसे ही कल का विकास हो किसानों को अपनी फसल में पोटेशियम नाइट्रेट 2% (13-00-45) को स्प्रे द्वारा छिड़काव करना चाहिए जिससे फसल में आने वाली गर्मी से राहत मिलती है बता दें कि और पौधों का विकास भी अच्छे से होता है। किसने कोई है भी ध्यान में रखना चाहिए की फसल में कीटों का अटैक भी बढ़ाने के असर हो जाते हैं ऐसे में किसान अपनी फसल में 100 लीटर पानी में प्रति एकड़ 20 ग्राम तायो (थायामेथोक्सम) का भी स्प्रे द्वारा छिड़काव कर सकते हैं। जोकि फसल में लाभकारी होता है।

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नोट: किसान भाइयों इसके गेहूं की पैदावार अलावा भी अन्य प्रकार की कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने आसपास के नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त करें और फिर अपनी फसल में छिड़काव करें।

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