मूंग की खेती के लिए किसान इन मूंग की 5 टॉप किस्म, मिलेगा बंपर उत्पादन, जाने पूरी जानकारी

किसान अपने खेत में मूंग की खेती के लिए मूंग की 5 टॉप किस्म (Moong 5 Top Varieties) को लगाने पर मिलेगा बंपर उत्पादन, जाने पूरी जानकारी.

 

 

मुंग की 5 वैरायटी (Moong 5 Top Varieties)

 

हमारे देश में मूंग की फसल की खेती किसानों के द्वारा दो सीजन में किया जाता है। बता दें कि रबी सीजन और जायद सीजन में इसकी खेती किया जाता है। मूंग की खेती मार्च और अप्रैल महीने के मौसम में जायद सीजन कहा जाता है। मूंग की फसल एक दलहनी फसल होने के चलते इसका उपयोग ज्यादातर किसानों के द्वारा दाल के लिए खेती किया जाता है लेकिन बहुत से ऐसे किसान जो अपनी खाली खेत में हरी खाद के लिए भी इसका बुवाई किया जाता है।

 

 

किसानों को अपनी फसल की अच्छी उत्पादन के लिए अच्छे मूंग की किस्म का चुनाव बहुत जरूरी होता है। बता दें कि बाजार में बहुत से किस्म मिलता है। जिसको लगाकर किसान अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए आपकी जानकारी के लिए आज हम मूंग की टॉप 5 किस्म के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। इसलिए आप Moong 5 Top Varieties इस आर्टिकल में अंत तक जुड़े रहे।

 

 

Moong 5 Top Varieties: मूंग की टॉप 5 किस्म को गर्मी के मौसम में अपने खेत में लगाकर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। मुंग की टॉप 5 वैरायटी जानते हैं कौन-कौन सी है

 

 

 

 

मुंग की स्टार-444 किस्म 

 

स्टार एग्री सीड्स कंपनी की ओर से विकसित किया गया स्टार 444 एक हाइब्रिड मूंग की किस्म जिसको किसान हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य में बुवाई किया जा सकता है। मूंग की इस किस्म में कल्लो का विकास अच्छा होता है। और इसमें पक्का तैयार होने में करीब 60 से 65 दिन का समय रहता है।

 

 

 

मुंग की एमएच-1142 किस्म 

 

हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार के द्वारा मूंग की किसान एमएच-1142 को विकसित वर्ष 2020 में किया गया बता दें कि इस किस्म में पीला मोचक रोग के प्रति सहनशील होता है और इसके साथ-साथ पाउडर मिलेडीयू रोग के प्रति भी सहनशील माना गया है। मुंह की इस किस्म को लगाने के बाद लगभग 65 से 70 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाता है।

 

 

 

मुंग की एसआरपीएम-26 (विजेता) किस्म

 

श्रीराम स्वीट्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा मूंग की एसआरपीएम-26 (विजेता) विकसित किया गया बता दें कि इस किस्म में पौधों की ऊंचाई करीब 70 से 80 सेंटीमीटर तक रहता है। इसमें पौधों में लगने वाली फलियों के गुच्छों लगती है वही एक फली में दाना की बात करें तो 12 से 14 दाने बनते हैं। पीला रोग म्यूजिक वायरस के प्रति सहनशील होने के साथ-साथ इसमें उत्पादन की बात करें तो करीब 10 से 12 क्विंटल उत्पादन देता है।

 

 

 

 

मुंग की SVM-88 किस्म 

 

 

शक्ति वर्धक सेक्स कंपनी के द्वारा मूंग की किस एम को विकसित किया गया बता दें कि इस किस्म में पीला मुझे एक रोग के साथ-साथ पाउडर मिलडीयू रोग के प्रति सहनशील है। मुंग की इस वैरायटी में पौधों की लंबाई 45 से 60 सेंटीमीटर वहीं इसमें लगने वाले फलियां गुच्छेदार होता है। जिसमें तीन से चार फलियां बनती है। बता दे की एक फली में दोनों की संख्या 10 से 12 के आसपास रहता है। मूंग की इस किस्म को खरीफ यानी बरसात के सीजन में बन के बाद लगभग 65 से 70 दिन का समय रहता है। वहीं गर्मी के सीजन में लगाने के बाद करीब 55 से 60 दिन में पककर तैयार हो जाता है।

 

 

मुंग की आईपीएम 205-07 (विराट) किस्म 

 

 

भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर के द्वारा मूंग की इस वैरायटी को वर्ष 2016 में विकसित किया गया। मुंग की आईपीएम 205-07 को विराट के नाम से भी जाना जाता है बता दें कि इस किस्म की बुवाई रबी और खरीफ दोनों ही सजना में किया जा सकता है। पीला मोजक रोग के लिए ये मूंग की किस्म प्रति सहनशील होता है।

 

 

मूंग की इस किस्म की बुवाई किसान अपने खेत में 20 से 40 डिग्री सेल्सियस तक रहने पर किया जा सकता है। और इसमें पौधों की लंबाई कम होता है। बता दें कि इस मूंग की किस्म को पकने में करीब 50 से 55 दिन का समय लगता है।

 

 

 

 

 

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