मांग कमजोर होने से दलहनों के भाव हुऐ स्थिर, जानें चना, मुंग, मोठ, उड़द, अरहर और मसूर भाव भविष्य 2024

दिल्ली बाजार में ऊंचे भाव पर मिलों की मांग कमजोर होने चना और अरहर में मंदा रहा। व्यापारियों का कहना है कि बर्मा में अरहर के भाव में नरमी आने का असर भी भारतीय बाजारों में पड़ रहा है। 

 

चना, मुंग, मोठ, उड़द, अरहर और मसूर भाव भविष्य 2024 जानें 

 

चना का भाव भविष्य 2024: देश में चने की आवक हो रही है। बढ़े दाम पर मांग कमजोर होने से दिल्ली में राजस्थानी चना की कीमतों में मंदा आया है, जबकि मध्य प्रदेश के चना के दाम स्थिर बने रहे। व्यापारियों के अनुसार हाल ही में स्टॉकिस्टों की खरीद से चना के भाव तेज हुए थे। हालांकि उत्पादक राज्यों में मौसम रहता तो मंडियों में चना की आवकों में आगामी दिनों में बढ़ोतरी होगी।

 

 

दाल मिलें केवल जरूरत के हिसाब से ही चना की खरीद कर रहे हैं।ऐसे में अभी बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। हालांकि चालू सीजन में चना का उत्पादन अनुमान कम है। दिल्ली में राजस्थान के नए चना के दाम 25 रुपये कमजोर होकर 5,825 से 5,85০रुपये प्रति क्विंटल रह गए, इस दौरान मध्य प्रदेश के नए चना के दाम 5,800 से 5,825 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। चना की दैनिक आवक 7 से 8 मोटरों की हुई।

 

मोठ : जयपुर मंडी में मोठ के बिल्टी भाव तेज होकर 6, 500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

 

अरहर का भाव भविष्य 2024: सोलापुर में अरहर की कीमतें 100 रुपये कमजोर हो गई। बर्मा से चेत्नई पहुंच लेमन अरहर की कीमतें गुरूवार को तेज हुई थी, जिस कारण घरेलू बाजार में भी इसके भाव तेज हुए थे।व्यापारियों के अनुसार आयात पड़ते महंगे के कारण आयातक इसके दाम तेज करना चाहते हैं, लेकिन मिलों का मांग समर्थन नहीं मिल पा रहा, जिस कारण तेजी टिक नहीं पा रही है। ऐसे में बढ़ी हुई कीमतों में मुनाफा वसुली करते रहना चाहिए। आगामी दिनों में म्यांमार से लेमन की आवक बढ़ेगी, साथही सुडान से नई अरहर की शिपमेंट आयेगी।

 

 

घरेलू बाजार में दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से खरीदकर रही है क्योंकि अरहर दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर ही है। उधर केंद्र सरकार लगातार दलहन की कीमतों की सर्ीक्षा कर रही है। जानकारों के अनुसार देसी अरहर की आवक उत्पादक मंडियों में अभी बनी रहेगी। सोलापुर मंडी में देसी अरहर के भाव 9,500 से 10,900 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

 

उड़द का भाव भविष्य 2024: बर्मा से आयातित उड़द की कीमतें चेन्नई में डॉलर में स्थिर हो गई, जबकि गुरूवार को इसके दाम तेज हुए थे। जानकारों के अनुसार उड़द दाल में थोक एवं खुदरा में मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है, जबकि तेलंगाना के साथ ही आंध्र प्रदेश में उड़द की आवक बनी हुई हैं। केंद्र सरकार की सख्ी से उड़द की खरीद दाम मिलें केवल जरुरत के हिसाब से कर रही रही है।

 

वैसे भी आगामी दिनों में म्यांमार से उड़द का आयात बढ़ेगा, वैसे भी म्यांमार में उत्पादन अनुमान ज्यादा है। ऐसे घरेलू बाजार में स्टॉकिस्टों की सक्रियता से उड़द की कीमतों में हल्की तेजी तो बन सकता लेकिन बड़ी तेजी के आसार नहीं है। हालांकि आयात पड़ते महंगे हैं। बर्मा से चेत्रई केलिए उड़द एसक्यू के दाम 1,160 डॉलर एवं एफएक्यू के 1,070डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए।

 

मूंग का भाव भविष्य 2024: मूंग के भाव उत्पादक मंडियों में अभी भी स्थिर बने रहे।व्यापारी मूंग की कीमतों में अभी बड़ी तेजी के पक्ष में नहीं है। मौसम साफ है इसलिए उत्पादक राज्यों की मंडियों में मुंग की दैनिक आवक पहले की तुलना में बढ़ने लगी है,साथ ही खपत का सीजन होने के कारण मुंग दाल में मांग अभी बनी रहेगी, तथा मूंग का उत्पादन अनुमान कम होने की आशंका है।

 

इसलिए इसके भाव में सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है। छिंदवाड़ा मंडी में मूंग के दाम 6,800 से 8000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

 

मसूर का भाव भविष्य 2024: देसी मसूर के दाम दिल्ली में स्थिर हो गए। गुरूवार को देसी मसुर के दाम कमजोर हुए थे, लेकिन आयातित के भाव तेज थे। जानकारों के अनुसार मध्यप्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश में मौसम अनुकूल रहा तो नई मसूर की आवकों में बढ़ोतरी होगी। चालू रबी में मसूर के रिकार्ड उत्पादन का अनुमान है।

 

हालांकि बकाया स्टॉक कम होने के कारण पुरानी देसी मसूर की आवक उत्पादक मंडियों में कम हो रही है, जबकि मसूर दाल में खपत राज्यों बिहार,बंगाल एवं असम की मांग बराबर बनी रहने की उम्मीद है। इसलिए इसके भाव में बड़ी तेजी के आसार नहीं है। दिल्ली में देसी मसूर के दाम 6,35০ से 6,375 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। व्यापार अपने विवेक से निर्णय लेकर करें।

 

 

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नोट: आज आपने जाना चना, मुंग, मोठ, उड़द, अरहर और मसूर भाव में फिलहाल क्या भाव और मार्केट चल रहा है। व्यापार अपने विवेक से निर्णय करें क्योंकि किसी भी प्रकार की फसल की डिमांड और मौसम, उत्पादन पर तेजी मंदी आती है। इसी तरह का व्यापार में लाभ या यानी के लिए हम जिम्मेवार नहीं है।

 

 

 

 

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