गन्ना के खेत में सभी प्रकार के खरपतवारों से मिलेगा छुटकारा, जानें गन्ना में खरपतवार नाशक दवा

हमारे देश में गन्ना की खेती बड़े स्तर पर किया जाता है। ऐसे में किसानों को गन्ना की खेती में कई समस्या का सामना करना पड़ता है। उसमें से एक सबसे बड़ी समस्या है। खरपतवार और गन्ना में सभी प्रकार के खरपतवार को हटाना आज के समय में बहुत कठिन है। बाजार में धनुका एग्रीटेक कंपनी के द्वारा गन्ने के खेत में सभी प्रकार के खरपतवार को हटाने के लिए दवा लॉन्च किया गया है।

जिसके चलते किसानों में गन्ना के खेत में लगभग सभी प्रकार के खरपतवार को आसानी से हटाने में मदद मिलेगी।

 

 

गन्ना में खरपतवार नाशक दवा

 

गन्ना की खेती को पकने में काफी समय लगता है। जिसके चलते किसानों को खरपतवार को बार-बार से हटाना पड़ता है। और इसके लिए किसान तीन से चार बार तक खेत में खरपतवार को हाथ से हटाया जाता है। जिसमें किसानों को काफी खर्च भी हो जाता है। और फसल को भी काफी नुकसान होता है। ऐसे में किसानों को गन्ना की बुवाई करने के बाद खरपतवार उगना लगता है।

 

 

 

गन्ना के खेत में चौड़ी पत्ती और सक्रिय पत्ती दोनों ही तरह के खरपतवार पाए जाते हैं। जिसके लिए किस अलग-अलग तरह की खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल कर इसे हटाया जाता है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे धनुका एग्रीटेक का ऐसा ही एक गन्ना में खरपतवार नाशक दवा जिसका नाम है टिज़ोम । इस खरपतवार नाशक दवा का कैसे प्रकार से उपयोग में लाना है और इसमें कौन सा टेक्निकल दिया गया है पूरी जानकारी के लिए अंत तक जरूर पढ़ें।

 

 

 

टिज़ोम खरपतवार नाशक दवा में टेक्निकल 

 

धनुका एग्रीटेक कंपनी के द्वारा टिज़ोम एक उत्पाद तैयार किया गया है। इसमें मेट्रिबुज़िन (50%) ओर हेलोसल्फ्यूरॉन मिथाइल (6%) मिलेगा। जिसका प्रति एकड़ 450 ग्राम की मात्रा में उपयोग किया जाता है।

 

 

गन्ना में टिज़ोम (धानुका) खरपतवार नाशक का इस्तेमाल 

 

 

 

धनुका एग्रीटेक कंपनी कंपनी के द्वारा तैयार किए गए खरपतवार नाशक टिज़ोम (धानुका) का उपयोग गाने की फसल में चौड़ी पट्टी सक्रिय पट्टी मोठा या अन्य प्रकार के लगभग सभी प्रकार के खरपतवार को हटाने में सहायता मिलती है बता दें कि इसकी उपयोग के चलते गन्ने के विषय में कोई भी तरह का नुकसान भी नहीं देखने को मिलता।

 

किसानों को इसका उपयोग प्रति एकड़ 450 ग्राम करना चाहिए और इसके साथ 150 से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। किसानों को इसका उपयोग करने पर कुछ महत्वपूर्ण बातों का भी ध्यान रखना चाहिए बता दें कि जब खरपतवार का साइज 4 से 5 इंच यानी पत्तियों में हो तभी इसका उपयोग में लाया जाए तो अच्छा रहता है।

 

 

ज्यादा छोटे या बड़े खरपतवार होने पर इसका उपयोग नहीं करना चाहिए और इसके साथ-साथ किसानों को अपने खेत में पर्याप्त नमी होना बहुत आवश्यक है। किसान भाइयों के लिए बता दें कि इस दवा का कीमत वैसे तो कंपनी के द्वारा कोई निश्चित नहीं है। लेकिन फिर भी आपके के लिए बता दें कि लगभग 1200 से ₹1500 प्रति एकड़ की दवा खर्च होगा।

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