किसानों को अपनी फसल में खरपतवार नियंत्रण को लेकर हमेशा से एक चुनौती बनी रहती है। लेकिन इसके अलावा खरपवार खेती में पैदा होना भूमि के लिए जरूरी है क्योंकि इसके चलते जमीन में गलने के बाद खाद का काम करता है। लेकिन फसल में अधिक मात्रा में उग जाने पर फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। या यूं कहें कि फसल को पूरी तरह खत्म हो जाती है।
किसानों के द्वारा उपयोग में लाई जानें वाली सभी खाद को अपनी ओर खींच लेता है। फसल में खरपतवार गन्ना उगने से पहले ही पैदा होना शुरू हो जाता है। जिसके चलते फसल में कीट और रोग बढ़ने लगता है। इसलिए किसानों को अपनी फसल में खरपतवार को लेकर समय पर उपाय करने चाहिए। ताकि उन्हें फसल को समय पर खाद मिल सके। और अच्छा उत्पादन प्राप्त हो । इसलिए आज आपको हम गन्ना की फसल में खरपतवार नियंत्रण के बारे मे जानकारी देने वाले हैं। आइए जानते हैं पूरी जानकारी के साथ
गन्ना की फसल में खरपतवार
गन्ना की फसल एक लंबे समय तक रहने वाली फसल में से एक है। इसलिए किसान को इसमें खेतों में कई बार खरपतवार को हटाना पड़ता है। गन्ना की फसल में कई प्रकार के खरपतवार पाए जाते हैं जैसे दुब, मोटा, पुदीना आदि। इसे में किसान इन खरपतवार को नियंत्रित करने आज हम जिन दवा के बारे में बताएंगे। उससे लंबे समय तक खरपतवार से छुटकारा मिलेगा।
किसानों को गन्ना की बुवाई करने के तुरंत बाद इस खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे फसल में खरपतवार उगने से पहले खत्म किया जा सके। ऐसा करने पर किसानों को अपनी फसल में 70 से लेकर 80 % खरपतवार नियंत्रण हो जाता है।
गन्ना की फसल में खरपतवार नाशक दवा
किसान अपनी जमीन में गन्ना की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुवाई करने के पेंडीमेथालिन 30% ईसी की 2 लीटर , और इसके अलावा 200 ग्राम सेंकोर का इस्तेमाल किया जा सकता है। किसानों को इन दवा का छिड़काव करने पर जमीन में उचित नमी होना बहुत आवश्यक है। किसानों को यह भी ध्यान में रखना चाहिए की गन्ना की बुवाई करते हैं। और इस इसके साथ उडद, मूंग या अन्य कोई भी फसल साथ में बोते हैं। इसी स्थिति में आप केवल penda मैथिली 2 लीटर प्रति एकड़ हिसाब से ही स्प्रे का द्वारा छिड़काव करें।
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