हमारे देश भारत में किसानों के द्वारा लगभग सभी प्रकार की खेती देखने को मिलती है। ऐसे में किसानों को अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए बांस की खेती करना चाहिए। इस आर्टिकल के द्वारा हम यह जानेंगे कि किसानों को आखिर बांस की खेती करने के क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं। और कितना लाभदायक होगा खेती करने का तरीका जानने के लिए अंत तक जरूर पढ़ें।
किसान भाइयों बांस की खेती करते हैं, तो इसमें कोई भी तरह का किट या रोग देखने को नहीं मिलता। जिससे किसानों को अतिरिक्त खर्च नहीं होता। हमारे भारत में बांस की 136 से अधिक वैरायटी में पाया जाता है। जिसमें से किसान बढ़िया किस्म को चुनकर अपनी खेती कर सकते हैं।
बांस का उपयोग हमारे देश में बहुत से काम में लिया जाता है। बांस की मिलने वाली लकड़ी से अगरबत्ती, टोकरी और फर्नीचर इसके अलावा बहुत से इससे काम में लिया जा सकता हैं। किसानों के लिए खुशखबरी वाली यह खबर है, कि अब बांस की खेती को मीठे पानी में भी करना संभव हो गया है। बता दे कि वैज्ञानिकों के द्वारा अब मीठे बांस की एक वैरायटी को विकसित किया गया है।
किसानों के लिए खुशखबरी वाली बात यह है कि भारतीय अनुसंधान परिषद की एक रिपोर्ट के मुताबिक मिली जानकारी में बता दें कि इसका इस्तेमाल इथेनॉल बनाने में भी लिया जा सकता है। जिससे किसानों को इसकी पैदावार में लाभ प्राप्त होगा। इसके चलते किसान के द्वारा बांस की खेती करने में रुचि और बढ़ेगा। बता दें कि किसानों के लिए बांस की खेती करने पर राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी भी दिया जाता है।
पौधे की नर्सरी कहां पर तैयार की जा रही है
किसान भाइयों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मीठे बांस की खेती के लिए पौधों को तैयार कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार शोध पर कार्य शुरू हो चुका है। जो कि बिहार प्रदेश के जिला भागलपुर बिहार में स्थित पीएनबी कॉलेज प्लांट ट्यूशन कल्चर लैब तैयार किया जा रहा है। जिसके चलते किसानों को मीठे बांस की खेती करने में सहायता मिलेगी और बांस से फर्नीचर के साथ आचार भी बनाया जाता है। जिससे किसानों की आमदनी में अब दोगुना लाभ मिलेगा।
मीठे बांस की खेती के लिए मौसम और भूमि कैसा चाहिए
आपकी जानकारी के लिए बता दे की मिली जानकारी के मुताबिक मीठे बांस की प्रजाति को किसान किसी भी मौसम वह भूमि में लगाना आसान है। बता दें कि शोधकर्ताओं के अनुसार इसका परीक्षण एनटीपीसी से निकलने वाली राख के इक्केठा हुए ढेर पर किया गया। जिसमें पौधे का उगाव सफलतापूर्वक गई और यह सफलता उन्हें प्राप्त हुई है। ऐसे में यह किसानों के लिए बहुत ही बड़ी राहत वाली खबर है।
बांस क्या-क्या चीजे बनाने में काम आता है।
हमारे देश के पड़ोसी देश चीन के अलावा फिलिपींस, सिंगापुर, ताइवान आदि देशों में भी बांस से आचार व चिप्स खाने की वस्तुओं को भी बनाकर अपने बाजार में बेचा जाता है। जिससे उन्हें अच्छी खासी कम प्राप्त होती है। हमारे देश में भी व्यावसायिक तौर पर किसान बांस की खेती को किया जाता है। अब मीठे बांस की इस किस्म को लगाकर और ज्यादा सफलता प्राप्त होगी।
इथेनॉल बनाने में उपयोग किया जाएगा
बता दें कि मीठे बांस की प्रजाति से एथेनॉल बनाने के काम में लिया जा सकता है। इसके लिए शोधकर्ता काम भी आरंभ किया जा चुका है। अगर इसमें पूरी तरह से सफलता मिलती है। तो देश में एथेनॉल बनाने में इस्तेमाल शुरू हो जाएगा। जिसका असर सीधा सा मतलब किसानों की आय पर होगा और उन्हें बंपर लाख मिलेगा।
बता दें कि बांस के पौधों में कार्बन डाइऑक्साइड अच्छे प्रकार से अवशोषित कर कार्बन पदार्थ को बनाने में सहायक होता है। जिससे यह पदार्थ को मिट्टी में मिलकर उसे उपजाऊ उत्पन्न बनाते हैं। बता दें कि बांस का इस्तेमाल बायोगैस, बायो सीएनजी और एथेनॉल में उत्पादन के लिए वैज्ञानिकों के द्वारा शोध का कार्य में चल रहा है। ऐसे में जल्दी इस कामयाबी मिलने की संभावना है। ऐसे में भारत में अब इसकी खेती से बायोगैस, एथेनॉल और सीएनजी उत्पादन करने में इस्तेमाल हो जाएगा।
किसानों को बांस की खेती करने पर कितना सब्सिडी
किसानों की जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय बांस मिशन योजना में केंद्र सरकार की ओर से किसानों को इसकी खेती करने पर सब्सिडी भी दिया जाता है। बता दे की बांस खेती में किसानों को प्रति पौधे पर ₹120 का अनुदान दिया जाता है। और सरकार हर पौधे में सब्सिडी दी जाती है। और सरकार हर पौधे में 3 साल में 240 रुपए खर्च निर्धारित किया गया है। किसानों को 50% सब्सिडी मिलता है। ऐसे में किसान अपने खेत के चारों ओर मेड पर इसकी खेती कर अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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