शिमला मिर्च की खेती (Capsicum Cultivation) करने से जानें मुख्य कौन कौन सी खाद कब और कितनी डालें, जानें पूरी जानकारी
हमारे देश में बहुत सी ऐसी फैसले या सब्जियां हैं। जिनकी खेती किस साल भर कर सकते हैं उसमें से एक है शिमला मिर्च की खेती जिस किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है बता दें कि चाहे गर्मी का मौसम हो या सर्दी का इसमें एक समान पैदावार मिलता है।
वहीं बरसात के मौसम में पैदावार में थोड़ी गिरावट देखने को मिलते हैं। क्योंकि इस समय कीटों का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है बता दें कि शिमला मिर्च की खेती अगर आप करते हैं तो उसमें लाभ भी आपके बाजार में कितना भाव मिलेगा उसे पर भी निर्भर करता है।
अगर आप शिमला मिर्च (Capsicum Cultivation) की सही से खेती करते हैं और उचित भाव बाजार में प्राप्त हो तो प्रति एकड़ हर साल 5 से 6 लाख रुपए तक का इनकम देखने को मिल सकता है। वहीं कई बार किसानों को शिमला मिर्च की खेती करने के बाद रेट बाजार में सही से नहीं मिल पाता जिसके चलते किसानों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ती है।
लेकिन किसानों को शिमला मिर्च की खेती करने से पहले सबसे पहले अच्छी खाद का डालना बहुत आवश्यक है। और कौन-कौन सी खाद कब और कितनी मात्रा में डालना है इस जानकारी को आप अंत तक जरूर पढ़ें।
शिमला मिर्च की खेती कैसे करें (Capsicum Cultivation)
मिर्च की खेती हमारे देश में बहुत से किस करते हैं और इसकी खेती करने से पहले अच्छी तरह से इसकी जानकारी प्राप्त होना बहुत जरूरी है बता दे की शिमला मिर्च कि पौधों से पहले नर्सरी तैयार किया जाता है। फिर इसकी खेत में रुपाई किया जाता है। रूपाई करने से पहले किसानों को सही और अच्छे गुणवत्ता वाले बीच का चुनाव करना बहुत आवश्यक रहता है।
शिमला मिर्च में खेती के लिए एक एकड़ में लगभग 13 से 14000 पौधे की आवश्यकता रहती है जिसके लिए किसानों को शिमला मिर्च में सामान्य तौर पर चार से लेकर 5 फीट तक के बेड की दूरी वहीं पौधे से पौधे की दूरी एक मीटर या फिर थोड़ी अधिक रखना पड़ेगा। अगर आप शिमला मिर्च खेती में सही तरह से आपकी भूमि में मिट्टी है और लगाने का तरीका सही है। तो आपको पैदावार अच्छी खासी मिलेगी वहीं प्रति एकड़ पैदावार की बात करें तो शिमला मिर्च 30 से 35 प्रति क्विंटल तक हो जाता है।
शिमला मिर्च के लिए खेत में खाद कौन सा डालें
किसान शिमला मिर्च की खेती करना चाहते हैं और खाद की बात करें तो इसमें मुख्य रूप से नाइट्रोजन, पोटाश और फास्फोरस की आवश्यकता रहता है। बता दें कि किसान इन खाद को अपने अलग-अलग तरीकों से भी दिया जा सकता है। सबसे पहले अपने खेत की अच्छी तरह से जुटाए करें और उसमें 4 से 5 ट्रॉली अच्छी गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट का उपयोग में लाएं जिससे खेत में ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ेगा।
जिससे उत्पादन में अच्छा मुनाफा मिलेगा। बता दें कि ऐसा करने के बाद आप खेत में आखिरी अच्छे से जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बनाकर समतल करें। इसके पश्चात किसान भाई शिमला मिर्च की रोपाई के लिए बेड तैयार करें और उसके ऊपर डीएपी 50 किलोग्राम, पोटाश खाद 25 किलोग्राम और कैल्शियम नाइट्रेट की मात्रा 25 किलोग्राम को अच्छे से मिला कर बनाए गए बेड पर छिड़काव करना चाहिए और शिमला मिर्च की पोधो की रोपाई करना चाहिए।
शिमला मिर्च के पोधों की रोपाई करने का तरीका
किसान भाइयों शिमला मिर्च के लिए जो अपने बेड बनाए हैं उनके ऊपर आप अगर मल्चिंग पेपर या फिर बिना मल्चिंग पेपर के भी किया जा सकता है बता दें कि अगर मल्चिंग पेपर का इस्तेमाल करेंगे तो आपको आपकी फसल में खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव नहीं करना होगा और कोई भी खरपतवार नहीं पैदा होगा।
जिससे आपकी फसल में कीट पतंग का रोग भी काम आएगा वही अगर मल्चिंग का प्रयोग नहीं करते हैं। तो आपको खरपतवार नाशक दावों के साथ-साथ अगर आप मजदूर की सहायता से निकलते हैं तो आपको अतिरिक्त खर्च बहन करना पड़ सकता है। शिमला मिर्च की पहली तुरई का समय 45 से 60 दिन के करीब शुरू हो जाएगा और इसके साथ-साथ अगर आपने जिस भी किस्म का चुनाव किया है उसे पर भी चुनाव निर्भर करेगा।
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