किसानों को गेहूं की फसल में तम्बाकू इल्ली से क्या क्या नुकसान, जानें लक्षण और रोकथाम हेतु उपाय 

किसानों को गेहूं की फसल में तम्बाकू इल्ली से क्या क्या नुकसान होता है और इसके लक्षण और रोकथाम हेतु उपाय कैसे करें जानें पूरी जानकारी ….

 

देश की अधिकतर क्षेत्र में गेहूं के बुवाई किया जाता है। बता दें कि गेहूं की फसल अब पकने की कगार पर पहुंच चुका है। ऐसे में किसानों को जहां पर अब पकने की स्थिति में नहीं पहुंचा है। वहां पर गेहूं की फसल में तम्बाकू इल्ली अटैक देखने को मिल रहा है। जिसके चलते फसल में बालियां को नुकसान होता है। ऐसे में किसानों को समय पर इसको नियंत्रित नहीं करें। तो पैदावार में काफी गिरावट होने की आसार बढ़ जाते हैं।

 

 

ऐसे में अगर किसानों को अपने गेहूं की फसल में तम्बाकू इल्ली अटैक देखने को मिले। तो किसानों को इसके रोकथाम के लिए क्या-क्या उपाय उपाय करने चाहिए और इसके देखने के लिए क्या-क्या लक्षण दिखाई देंगे जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें

 

 

 

गेंहू में फसल में तम्बाकू इल्ली के लक्षण और नुकसान

 

 

 

गेहूं की फसल में तम्बाकू इल्ली का प्रकोप होने पर किसानों को यह एक साथ झुंड में दिखाई देता है। बता दें कि इसके लक्षण की बात करें तो यह गहरे रंग के साथ-साथ हरे रंग के ऊपर भूरे बाल भी दिखाई देता है। बता दें कि इसके अंडे तीन से पांच दिन में निकल जाते हैं। फसल में इसका प्रकोप होने के चलते पौधों की पत्तियों के साथ-साथ लगने वाली बालियां में काफी नुकसान होता है।

 

 

 

गेहूं में तम्बाकू इल्ली की रोकथाम हेतु दवाई 

 

तम्बाकू इल्ली के बारे में कृषि विशेषज्ञों की माने तो इसकी रोकथाम करने के लिए किसान को प्रति हेक्टेयर 150 से 200 लीटर पानी के साथ कीटनाशक का उपयोग में लाना चाहिए जो कि नीचे दी गई है।

 

 

गेहूं की फसल में तम्बाकू इल्ली को नियंत्रित करने में सहायता के लिए किसानों को इमामेक्टीन बेंजोएट एससी में 450 ml या ब्रोफ्लानिलाइड 300 SC 50 ग्राम, या

क्लोरएंट्रानीलीपोल 150 ml, या फिर फ्लूबेंडामाइड 20 डब्ल्यू जी 250 ग्राम या फिर इंडोक्साकार्ब 350 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर दवा का इस्तेमाल स्प्रे का छिड़काव किया जा सकता है।

 

 

 

गेहूं की फसल पर तम्बाकू इल्ली का प्रभाव कब से शुरू 

 

गेहूं की फसल में तम्बाकू इल्ली का प्रभाव कृषि विशेषज्ञों के माने तो बीते 5 से 7 सालों में अधिक देखने को मिल रहा है। उनके मुताबिक क्योंकि गेहूं फसल में पौधे कठोर इस जिसके चलते इस इल्ली का उतना ज्यादा अधिक नुकसान नहीं होता। लेकिन फिर भी किसानों को ज्यादा प्रकोप देखने को मिले तो उचित दवाई का उपयोग मिलकर इस समय पर नियंत्रित करना भी आवश्यक है।

 

Read More….प्याज की पैदावार बढ़ाने के लिए किसान अपनाए ये उपाय

नोट :- किसान भाइयों इल्ली की रोकथाम के लिए किसी भी तरह की दवा का इस्तेमाल करने से पहले अपने आसपास के नजदीकी कृषि विभाग या अन्य वरिष्ठ सलाहकार और दुकानदार से पूछ कर ही उपयोग में लाएं।

Leave a Comment